दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार का दिल्लीवासियों को दीवाली और छठ का तोहफा.. अब आपको एक जगह से दूसरे जगह सफर करने के लिए अपनी जेब से ज्यादा खर्च करना होगा। अब तक चले आ रहे डीटीसी में चार स्लैब वाला भाड़ा 3,5,7,10 रूपये की जगह यह अब तीन स्लैब में 5,10,15 रूपये का हो गया हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सरकार को डीटीसी का घाटा पूरा करना है। डीटीसी को वित्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान 575 करोड़ रूपये का घाटा हुआ था। सरकार को भाड़ा बढ़ाने से सालाना 400 करोड़ रूपये का फायदा होगा।
अब दिल्ली में एक जगह से दूसरे जाने में तीन किलोमीटर तक 5 रूपये, तीन से दस किलोमीटर का सफर करने के लिए यात्रियों को 10 रूपये और इससे ऊपर की यात्रा करने में 15 रूपये खर्च करने होंगे। यह ब्लॉग लिखे जाने तक दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने वाली ब्लूलाइन बसों के सभ्य सरीखे से बढ़ा हुआ भाड़ा वसूलने भी शुरू कर दिया होगा। अब तो ब्लूलाइन के मालिकों की कुछ दिनों के लिए ही सही चांदी तो हो गयी। जब तक इन बसों को सड़कों से हटाया जाएगा, तब तक तो इनके मालिकों के साथ-साथ ड्राईवर और कंडक्टरों की तो बल्ले-बल्ले है।
सरकार ने ये कदम भले ही डीटीसी का घाटा पूरा करने के लिए उठाया हो, लेकिन इससे यात्रीगण अब मेट्रो के सफर को ज्यादा तरजीह देंगे। जो कि मेट्रो के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन वहां भी यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण काफी परेशानी आने वाली हैं।
अब दिल्ली में एक जगह से दूसरे जाने में तीन किलोमीटर तक 5 रूपये, तीन से दस किलोमीटर का सफर करने के लिए यात्रियों को 10 रूपये और इससे ऊपर की यात्रा करने में 15 रूपये खर्च करने होंगे। यह ब्लॉग लिखे जाने तक दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने वाली ब्लूलाइन बसों के सभ्य सरीखे से बढ़ा हुआ भाड़ा वसूलने भी शुरू कर दिया होगा। अब तो ब्लूलाइन के मालिकों की कुछ दिनों के लिए ही सही चांदी तो हो गयी। जब तक इन बसों को सड़कों से हटाया जाएगा, तब तक तो इनके मालिकों के साथ-साथ ड्राईवर और कंडक्टरों की तो बल्ले-बल्ले है।
सरकार ने ये कदम भले ही डीटीसी का घाटा पूरा करने के लिए उठाया हो, लेकिन इससे यात्रीगण अब मेट्रो के सफर को ज्यादा तरजीह देंगे। जो कि मेट्रो के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन वहां भी यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण काफी परेशानी आने वाली हैं।
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