शुक्रवार, 28 मार्च 2008

"मुल्तान के सुल्तान" बने चेन्नई के बादशाह

"मुल्तान के सुल्तान" वीरेंद्र सेहवाग ने चेन्नई टेस्ट में दूसरा तिहरा शतक लगाकर बता दिया कि लंबी पारी खेलने की कूव्वत अगर भारतीय टीम में किसी खिलाडी के पास हैं तो वो सिर्फ नजफगढ के वीरू ही हैं. भारतीय सरजमीं पर घरेलू दर्शकों के सामने पहली बार भी तिहरा शतक मारने का कारनामा भी वीरेंद्र सेहवाग के ही नाम गया.सबको इससे पहले एक आस जगायी थी वी.वी.एस. लक्ष्मण ने,लेकिन वे १९ रन से चूक गये थे.

आज की पार को भी सेहवाग ३०९ रनों तक ले गये हैं. टेस्ट इतिहास में दूसरी बार तिहरा शतक मारने वाले तीसरे खिलाडी बनने का सौभाग्य वीरू को प्राप्त हुआ. इससे पहले ये कारनामा सर डॉन ब्रैडमैन और ब्रायन लारा के नाम हैं. लारा के नाम तो टेस्ट क्रिकेट में ४०० रन मारने का अनोखा रिकॉर्ड हैं.इसकी बराबरी करना ही कल वीरू का पहला लक्ष्य होगा.

टीम चयन के बाद सबसे ज्यादा सवाल भारतीय टीम की ओपनिंग जोडी पर उठाये जा रहे थे. कहाँ तो ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिये संभावित खिलाडियों की सूची में भी वीरेंद्र सेहवाग का नाम नही था.लेकिन उनके एडिलेड टेस्ट के डेढे शतक के बाद इस सीरिज के लिये लेना तो जरूरी था ही,इसके साथ ही वन-डे टीम के लिये भी अपनी दावेदारी मजबूत कर ली हैं.

सभी खेल प्रेमी कल उनके ४०० रन का इंतजार करेंगे,अगर वे ऐसे ही खेलते रहे तो वो मंजिल भी पाना कोई मुश्किल काम नही होगा. सबसे तेज तिहरे शतक बनाने के बाद लारा के रिकॉर्ड का टूटने का हम इंतजार कर रहे हैं.

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