मंगलवार, 19 फ़रवरी 2008

बिजनेस अखबारों ने भी समझा हिन्दी का मह्त्त्व

"हिन्दी तो देश की धडकन हैं"- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने आवास पर आये इकोनॉमिक टाइम्स के पत्रकारों से कहा, जब उन्होनें इस अखबार का हिन्दी संस्करण का पहला अंक प्रधानमंत्री को सौंपा.पिछले एक हफ्ता में यह बिजनेस अखबारों का हिन्दी में निकलने वाला दूसरा पत्र बना. इससे पहले बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी हिंदी में ही बिजनेस अखबार निकाला. इस तरह एक ही सप्ताह में देश के दो अँग्रेजी के प्रमुख बिजनेस अखबारों ने अपना हिन्दी में संस्करण निकाल जहाँ हिन्दी भाषी वर्ग के बीच अपनी पैठ बनाने की सोची हैं, वही यह बात भी साबित हो रही हैं कि इस देश में अभी भी हिन्दी भाषा का अँग्रेजी से कमतर महत्त्व नही हैं.
देश में पहले से ही दो हिन्दी के बिजनेस चैनल - सीएनबीसी आवाज और जी बिजनेस दर्शकों में बाजार में होने वाले उठापटक की तस्वीरें दिखाकर सम्मोहित करने में कोई कसर नहीं छोड रखा हैं.अब जाकर प्रिंट मीडिया ने भी इस तरफ पहल की हैं, जो कि आने वाले समय में काफी लाभ का सौदा साबित होगा. इकोनॉमिक टाइम्स ने तो इससे पहले गुजराती संस्करण निकाल क्षेत्रीय भाषा में अपनी पैठ बना रखी थी, वहाँ की सफलता देख हिन्दी में बिजनेस अखबार निकालना मुनाफे का ही सौदा लगा. अब किसी भी काम का बॉटमलाइन जहाँ सिर्फ प्रॉफिट रह गया हैं वहाँ इन बिजनेस अखबारों के इतने दिन बाद निकलने का सिर्फ यही एक मतलब हैं.
शेयर बाजार में रोज हो रही उठा पटक को समझने के लिये भी सिर्फ चैनलों या अखबारों के एक पन्ने के भरोसे तो नहीं रहा जा सकता हैं इसलिये हिन्दी भाषी लोगों के लिये यह एक जरूरत भी बन गयी. लाल-पीले रंग के दिखने वाले इन अखबारों को पढकर एक्सपर्ट तो नहीं बना जा सकता हैं लेकिन बाजार की भेडचाल को समझने के लिये एक माध्यम हो सकता हैं.
बाजार की समझ और हिन्दी में पकड रखने वालों के लिये भी बिजनेस पत्रकारिता के नये एवेन्यू खुलेंगे.एक बार तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक बिजनेस अखबार ने बहुत पहले अपने अखबार में कॉलम लिखने के लिये एक लाख रूपये महीने देने की पेशकश की थी, लेकिन इतनी बडी राशि होने के कारण उन्हें यह जँचा नही. हिन्दी अर्थशास्त्रीयों के लिये भी यह सुनहरा मौका होगा कि वे भी अपना ज्ञान इन अखबारों के माध्यम से पाठकों के साथ शेयर करें.
बाजार ने भी अंततः हिन्दी की महत्ता समझी,लेकिन इसमें भी लाभ देखकर ही,ऐसे नहीं.

कोई टिप्पणी नहीं: