गुरुवार, 21 फ़रवरी 2008

धोनी ने फिर मारा "छक्का"

क्रिकेट में छक्का मारने में माहिर भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मंगलवार को श्रीलंका के खिलाफ एक अहम मुकाबले में भले ही एक भी बाउंड्री नही मारी हो,लेकिन आई.पी.एल. लीग के लिये लगने वाली बोली में वे ही एक मात्र खिलाडी थे जिन्हें छह करोड में चेन्नई सुपर किंग टीम ने खरीदा.यानि कि मैदान के बाहर भी छक्का मारने में वे ही सफल हुये.
एक समय था जब मैदान में टीम इंडिया को जीतने के लिये कुछ रनों की आवश्यकता होती थी तब धोनी से दर्शक छक्का मार जिताने की डिमांड करते थे.लेकिन आज समय के अनुरूप खेल में काफी परिवर्त्तन किया और अब एक अच्छे फिनीशर की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं.एक चौका भी नही लगा श्रीलंका के खिलाफ मैच जिताना धोनी की जीवटता की निशानी हैं. काफी कम समय में कप्तान के पद पर पहुँचने में उनकी समझदारी ने ही अहम भूमिका निभायी,नही तो युवराज का कप्तान बनना तय माना जा रहा था.
धोनी की ऊँची कीमत मे उसके ब्रांड वैल्यू ने भी बडी भूमिका निभायी.बाजार के इस फॉर्मूले ' जो दिखता हैं वह बिकता हैं'ने भी धोनी की कीमत तय करने में मदद की. पैसे की बरसात के बीच उसके पिता पान सिंह धोनी ने कहा खूब तरक्की करे मगर पैर जमीन पर ही रहे तो अच्छा हैं. राँची जैसे छोटे शहर से निकलकर क्रिकेट जगत में लोहा मनवाने वाले धोनी के पैर जमीन पर ही हैं, मीडिया में ही समय समय पर कप्तान के रूप में मनमानी करने के आरोप लगते रहते हैं. युवराज को हालिया श्रृंखला में असफल रहने के बावजूद मौका देने को मीडिया ने काफी जोर शोर से उठाया , लेकिन अंततः धोनी का निर्णय सही साबित हुआ.
आई. पी. एल. लीग में सबसे ज्यादा बोली लगने के बाद उनके ब्रांड वैल्यू में और भी इजाफा हुआ हैं,लेकिन दर्शक अभी भी उनके द्वारा यॉर्कर बॉल पर छक्का मारते देखना चाहते हैं ,जो कि उनका कॉपीराइट शॉट हैं.ना कि मैदान के बाहर लगने वाले ये छक्के.

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