मंगलवार, 1 जनवरी 2008

भारत को सिडनी में डालना होगा जीत का सीड

नये वर्ष के आगमन पर सिडनी का आकाश रंग-बिरंगी आतिशबाजियों से इस कदर नहा गया कि देखने वालों के लिये यह मनोरम नजारा उनकी स्मृति में समा गया होगा.टेलीविजन के माध्यम से देश-विदेश के करोडों लोगों ने यह नजारा देखा होगा.इस नजारे को देखने के लिये भारतीय क्रिकेट टीम सिडनी में ही मौजूद थी,जो कि साल के दूसरे दिन पिछले साल की मेलबर्न टेस्ट की हार को भुलाते हुये नये साल में ऑस्ट्रेलिया के लिये सामने नयी चुनौती रखेगा.
भारतीय टीम के प्रदर्शन को देखते हुये ऐसा लगता हैं कि २००३ के दौरे से पहले एक क्रिकेट अधिकारी ने जो परिणामों के लिये भविष्यवाणी की थी ,वह इस बार सही साबित होगी. भारतीय टीम को एक बार फिर से इतने अहम दौरे से पहले अभ्यास मैचों के नाम पर एक वर्षा बाधित मैच खेलना पडा जो की काफी नही था.मेलबर्न टेस्ट के पहले दिन जब भारतीय टीम ने नौ विकेट चटकाये थे तब तो ऐसा लग रहा था कि यह मुकाबला पाँचवे दिन तक जायेगा.लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में महज दो सौ रन का भी ऑकडा नही छुआ और मैच का नतीजा चौथे दिन ही आ गया.गेंदबाजों ने अपना कमाल तो दिखाया लेकिन बल्लेबाज फिसड्डी साबित हुये.सिर्फ एक अर्ध-शतक देखने को मिला वह भी तेंदुलकर के बल्ले से.
सिडनी के मैच से पहले भारतीय टीम के सामने ओपनिंग बल्लेबाज की समस्या को सुलझाना हैं.सेहवाग को मौका दिये जाने की स्थिति में गाज युवराज पर ही गिरेगी.एक विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज से आगाज करने के बजाय दो सलामी बल्लेबाज से ओपनिंग कराना ज्यादा ठीक होगा.रक्षात्मक बल्लेबाजी करके तो राहुल द्रविड ने तो पहले ही टीम को बैकफुट पर धकेल दिया था.सेहवाग के बल्ले से अगर सिडनी में रनों की बरसात हो जाती हैं तो ऐसी स्थिति में मध्यक्रम भी काफी अच्छा करके दिखा सकता हैं.
गेंदबाजी में अच्छा करने वाले जहीर के चोटिल होने के कारण तेज अनुभवी गेंदबाज की कमी खलेगी. मेलबर्न टेस्ट में दो स्पिनरों के साथ खेलना एक तरह से सही ही निर्णय रहा .इस तरह दोनों गेंदबाज को अनुभव तो मिला.कुंबले व हरभजन की जोडी आने वाले मैचों में भारत के लिये मैच जीताने वाली भी जोडी भी बन सकती हैं.जहाँ तक तेज गेंदबाजी का सवाल हैं,इरफान और आर.पी. पर फॉर्म में चल रहे मैथ्यू हेडेन और फिल जैक्स का विकेट जल्द से जल्द निकल कर देने की चुनौती होगी. वही हरभजन के लिये रिकी का विकेट एक बार फिर से प्राइज विकेट साबित हो सकता हैं.
सिडनी में भारत अगर मैच ड्रॉ कराने में भी सफल होता है,तो यह पिछली हार से निकलने का एक सही रास्ता होगा.पिछली बार भी एडिलेड टेस्ट में भारत की जीत के बारे में किसने सोचा था.भारतीय खिलाडियों को भी एक टीम के रूप में खेलते हुये एक सकारात्मक सोच के साथ मैच में उतरना पडेगा.

कोई टिप्पणी नहीं: