शुक्रवार, 16 नवंबर 2007

तेंदुलकर नही ,(१००-टेन)ढुलकर

ग्वालियर का रूप सिंह स्टेडियम उस वक्त शान्त हो गया जब सभी दर्शक सैकडो के बादशाह सचिन तेंदुलकर के ४२वें एक दिवसीय शतक का इंतजार कर रहे थे, जब वो ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद को बिना पैर हिलाए खेल बैठे और अपना विकेट गंवा बैठे. जी हाँ ,तेंदुलकर के ४२वें शतक का इस साल दर्शकों ने छठी बार इन्तज़ार किया,लेकिन यह साल बिना शतक के बीता.
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अठारह साल पुरे होने पर अब तक तेंदुलकर ने टेस्ट में ३७ शतक और एक-दिवसीय मैचों में ४१ शतक बना रख्र हैं. अगर तेन्दुलकर के नब्बे से निन्यानवे रनों के बीच आउट होने की बात करे तो अब तक वे टेस्ट में सात बार और एक-दिवसीय मैचों में सोलह बार 'नर्वस-नाइनटीज' के शिकार हुए है.अगर ये इन शतकों को नही चुके होते, तो अभी इनके नाम "सैकडों के सैकडें" का अनूठा रिकार्ड होता.
क्रिकेट की दुनिया में तेंदुलकर रिकार्डों के लिये जाने जायेंगे. दर्शकों को पहले शिकायत रह्ती थी कि तेंदुलकर सिर्फ अपने शतकों के लिए खेलत हैं,आज वही दर्शक उनके बल्ले से एक शतक का इंतजार कर रहे है.तेंदुलकर का नब्बे व निन्यानवें के बीच में आउट होना भी एक रिकार्ड ही तो बन रहा हैं.कम से कम इस रिकार्ड को तो तोड्ने की कोशिश कोइ भी खिलाडी नही करना चाहेगा.
मैच के दौरान जब तेंदुलकर नब्बे रन का ऑकडा छुए,तब से दर्शक-दीर्घा में एक प्ले-कार्ड पर ९९+१ रन लिखा दिखाया जा रहा था,लेकिन तेंदुलकर उस दर्शक की इच्छा इस साल पुरा नही कर सके.सेहवाग भी इसी दौरान आउट हुए,लगा कि तेंदुलकर पर मँडराता हुआ ग्रह टूट गया. लेकिन ड्रिन्क-ब्रेक ने सारा मजा किडकिडा कर दिया.मैदान पर लगे बडे टी.वी. स्क्रीन पर बडे अक्षर में "तेंदुलकर ९७ नॉट आउट" नजर आ रहा था,लेकिन क्य मालूम था कि यह उनका इस मैच का फाइनल स्कोर होगा.अगला वन-डे सचिन शायद ही खेले,इस साल तो कुल छ्ह बार वे शतक से चुके.
मानो या ना मानो, अब तेंदुलकर के वे आलोचक कहाँ चले गये जो उन्हे सिर्फ अपने शतक के लिये ही खेलने वाला खिलाडी मानते थे.मैच के प्रेजेंटेशन के दौरान वे भले मैच को जितना अहम मान रहे थे लेकिन शतक ना बना पाने का मलाल उनके चेहरे पर साफ साफ झलक रह था.मैदान का भी खामोश हो जान इस बात का गवाह है कि उनके इस दुख में हम भारतीय भी शामिल थे.
अगले साल वह अपने शतकों मे १९९८ की तरह इजाफा करेंगे,जब उन्होंने एक साल में ९ शतक लगाये थे और अपने एक-दिवसीय शतको का अर्ध-शतक बनायेंगे.

1 टिप्पणी:

Rahul Ranjan Rai ने कहा…

sambhavtah retire hone se pahle sachin 2-3 aur dohare shatak ODIs men apane nam jarur karenge, ek tihara shatak test men bhi!