बुधवार, 14 नवंबर 2007

हल्की गुलाबी गेंद

रेड चेरी, व्हाइट और अब ब्राइट पिंक. जी हाँ,अब क्रिकेट की गेंद भी समय के साथ अपना रंग बदल रही हैं. अब आप कुछ ही सालों में सफेद गेंद की जगह क्रिकेट में ब्राइट पिंक यानि हल्की गुलाबी गेंद देखने को मिलेगी. अभी इंग्लैंड में एम.सी.सी. इस नयी गेंद के रंग के ज्यादा देर तक टिकने का परीक्षण कर रही हैं. अभी वर्त्तमान में प्रचलित सफेद गेंद का रंग काफी जल्दी उतर जाता है. साथ ही यह मटमैली भी ज्यादा जल्दी हो जाती है.
प्रयोग के तौर पर २००९ में होने वाले ट्वेंटी-२० विश्व कप में इसका पहली बार प्रयोग किया जायेगा.गुलाबी गेंद का रंग काफी देर के बाद जाता हैं.इसलिये इस गेंद पर शुरूआती दौर के परीक्षण एम.सी.सी.,लंदन के द्वारा इमपीरियल कॉलेज में किये जा रहे है.
एम. सी. सी. के जॉन स्टीफेंसन ने इसे पहली बार मीडिया के सामने रखा.लेकिन यह गेंद टेस्ट मैचों में प्रयोग नही लायी जायेगी. टेस्ट मैच में रेड चेरी गेंद ही प्रयोग में लायी जायेगी.जहाँ तक वन-डे मैचों का सवाल है ,अगर यह गेंद ट्वेंटी-२० में अपना रंग जमाने में कामयाब रहेगी तो ही इसे वन-डे में उपयोग में लाया जायेगा.
सफेद गेंद के चलते वन-डे में अभी हाल में ३४ ओवर के बाद बदलने का नियम लाया गया है,इसमे हो सके तो भविष्य में बदलाव आये, तब तक गुलाबी गेंद के आने का इंतजार कीजिए

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